


यहीं पर हुआ था १९१६ का ऐतिहासिक लखनऊ समझौता , बाल गंगाधर तिलक और मुहम्मद अली जिन्ना के बीच । कुल मिलाकर लखनऊ हमारी तहजीव की एक अलग पहचान है और यहाँ जो भी एक बार आ जाता ,मेहमाननवाजी देखकर कह उठता कि सचमुच मेरा भारत महान है ।


जी हाँ , मैं बताऊंगी कैसे और क्यों?
5 comments:
लखनऊ पर आपका प्रस्तुतीकरण आकर्षक है , बधाईयाँ !
फोटो देख कर पुरानी यादे तजा हो गई ....... लखनऊ के बाजारों के बारे में भी बताये गा. इंतजार रहेगा .............
लखनऊ न सिर्फ़ ऐतिहासिक बल्कि बड़ा ही सांस्कृतिक शहर भी है |
प्रस्तुति ने मन को मोह लिया ,धन्यवाद ||
अदबी संस्कृति की नगरी लखनऊ का अच्छा वर्णन किया है
पहले आप....पहले आप.....जैसे जुमले से मशहूर ये शहर फोटो में सुंदर दिखता है
लखनऊ पर आपका प्रस्तुतीकरण सुंदर है!
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