Monday, December 8, 2008

भोपाल: जिसके धड़कन मात्र से धड़कता है भारत का दिल ...!


जी हाँ ! भोपाल भारतीय गणराज्य के ह्रदय प्रदेश मध्य प्रदेश का ह्रदय स्थल है , जिसके धड़कन मात्र से प्राप्त होती है प्राण वायु भारतीय गणराज्य को । कई प्रकार की प्राणवान बनावटों एवं उर्जावान आकृतियों का प्रभा मंडल प्रस्तुत करता हुआ भव्य शहर । अनेक संस्कृतियों को अपने ह्रदय में छिपाए अतीत और वर्त्तमान दोनों में जीने वाला शहर , जिसके विधान मंडल में आकार लेती है बुंदेलखंड, मालवी ,भाघेल खंड और विंध्याचल की सुन्दर संस्कृति से जुडी २३० सदस्यीय पीठ । धर्म , ज्योतिष , कला और काव्य से जुडी हुयी अनेक कथाएं और उन कथाओं में सहस्त्रवाहू और परशुराम के महा संग्राम का जीवंत गवाह भी ।







भोपाल-एक ऐसा शहर जहां स्थापत्य,शिल्प और साहित्य का सुन्दर समागम है, जहां की प्रगति यह परिलक्षित करती है , कि दसवीं शताब्दी में परमार शाशक राजा भोजपाल के द्वारा स्थापित की गयी यह सुन्दर नगरी लगातार सापेक्ष और निरपेक्ष परिस्थितियों में भी व्यवसायिक प्रगति का सफ़र तय करते हुए अक्षुण्य रखी है अपनी सभ्यता और संस्कृति के गौरवशाली अतीत को । भोपाल को एक ऐसे राज्य की राजधानी होने का गौरव प्राप्त हुआ , जो मध्य भारत, भोपाल रियासत, विन्ध्य प्रदेश और महा कौशल ( अब छतीसगढ़ राज्य ) की पुराणी राजनैतिक इकाईयों को मिलाकर बनाया गया है, जिसके धड़कन मात्र से धड़कता है भारत कादिल । भोपाल के लोग -सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते हैं । रहन-सहन अत्यंत सादा और विवेक की पराकाष्ठा चरम पर । यही वह कारण है कि भोपाल भारत के अन्य शहरों की तुलना में अत्यंत तेजी से प्रगति करने वाला अग्रणी शहर है । चाहे हिन्दू हों, मुसलमान हो अथवा आदिवासी सभी अपने-अपने रीति रिवाजों का पालन करते हुए प्रगति के नए युग में प्रवेश करने को दृढ संकल्पित है । वास्तव में यह शहर एक ऐसे शहर के रूप में शुमार होता है जहां हिन्दू, मुसलमान, ईसाई , बौद्ध आदि धर्मावलम्बियों को एक सूत्र में पिरोते हुए सामाजिक सांस्कृतिक सहिष्णुता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है । कहा जाता है कि लखनऊ की ही तरह यह शहर भी तहजीव का शहर है । जी हाँ ! भोपाल एक ऐसा शहर है जिसकी है दिलचस्प पहचान ,जिसे महसूस कर आप भी कहेंगे मेरा भारत महान .... ! ( अभी जारी है ....मिलती हूँ अगले पोस्ट में , तब तक के लिए शुभ विदा ! )

19 comments:

विजय गौड़ said...

अच्छा काम कर रहे हैं आप। विषय की विशिष्टता आपके ब्लोग की एक अलग पहचान बन सकती है। मेरी शुभकामनाएं।

रवीन्द्र प्रभात said...

shodhparak aalekh , kram banaa rahe , shubhakaamanaayen !

P.N. Subramanian said...

क्या सुंदर वर्णन है भोपाल का! दुख कि बात है कि आवर्षा के कारण झील सूख रही है. अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी. आभार.
http://mallar.wordpress.com

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Mala ji,
Apke blog par Bhopal par apka lekh padha.Achchha laga.Apkee bhasha men pravah hai,shabd saral hain.Ap ko hardik badhai.Asha hai bhavishya men bhee ap aise hee likhtee rahengee.Shubhkamnaen.
Hemant Kumar

पुरुषोत्तम कुमार said...

इतना ही नहीं, भोपाल एेसा शहर है, जो हर किसी को स्वीकार करता है। कोई किसी देश-प्रदेश से आए, यहां आकर उसे कभी बेगानेपन का अहसास नहीं होता। इसीलिए मैं तो आज भी भोपाल को अपना भोपाल कहता हूं।
...आपका आलेख काफी अच्छा है।

हिन्दीवाणी said...

हालांकि मैं भोपाल या मध्य प्रदेश का रहने वाला नहीं हूं लेकिन उस शहर में जाने का मौका मिला है। लखनऊ की ही तरह वह शहर भी मुझे बेहद पसंद है। ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है। आपने काफी अच्छी कोशिश की है। इसे जारी रखिए।

BrijmohanShrivastava said...

मेडम हिंदुस्तान का जो नक्षा लगाया है बहुत पुराना है मध्य प्रदेश में जहाँ भोपाल है वहां छोटा गोल चिन्ह अंकित कर देतीं /सहस्त्रबाहू और परशुराम के संग्राम की बात से प्राचीन होने की पुष्टि की गई है एकाध ग्रन्थ का हवाला और दिया होता पुष्टि के लिए तो अच्छा होता /आपने कहा तहजीब का शहर है ,मै कहता शहर थाअगली पोस्ट की प्रतीक्षा में हूँ

बाल भवन जबलपुर said...

jaree rahe
anoothaa kaary
shubh kaamanaaen

प्रदीप मानोरिया said...

you have really described the bhopal in very nice manner me too from madhya pradesh and i love bhopal
pradeep manoria 09425132060

नीरज गोस्वामी said...

भोपाल से बचपन और जवानी की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं...भोपाल के दोनों छोटा और बड़ा तालाब...सोमवारा...मंगलवारा जैसे बाजार...मोतियों के काम वाले पर्स....चूना चाटते लोग... और बड़े तालाब के पास बनी मस्जिद जो शायद एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है...कौन भूल सकता है...पड़ी पर बने बिरला मन्दिर से सब दीखता है...यकीनन भारत भवन वाला शहर भोपाल ग़ज़ब का शहर है...
नीरज

गीतेश said...

aapakee prastuti vehatareen hai, sachamuch hamaaraa bhaarat mahaan hai ....!

hindustani said...

सुंदर वर्णन है भोपाल का

Unknown said...

क्या बात है!बहुत सुंदर !http://pinturaut.blogspot.com/'http://janmaanas.blogspot.com/

कडुवासच said...

... अत्यंत प्रसंशनीय अभिव्यक्ति।

drdhabhai said...

बहन जी ये खंडित भारत का नक्शा आपकी इस पोस्ट पर शोभा नहीं दे रहा है...कहीं आप पाकिस्तानी तो नहीं है

संगीता पुरी said...

पढकर अच्‍छा लगा....अगले पोस्‍ट का इंतजार रहेगा।

संजय बेंगाणी said...

मेरा भारत महान और उसका खण्डित नक्शा लगाने वाले भी.

mala said...

nishchit roop se aapakaa tathya vichaaraniya hai, magar main yahaan yah spasht kar denaa chaahatee hoon ki ye nakshaa maine nahee banaayaa hai aur na yah kaafee puraanaa hai....valki yahee sach hai.....!

agar yah khandit hai to yah kyaa hai?

http://en.wikipedia.org/wiki/Bhopal

Asit Jain said...

You are using two of my photographs in your post without my consent and its not nice.