
आधिकारिक रूप से इस शहर का नाम कोलकाता १ जनवरी, २००१ को रखा गया। इसका पूर्व नाम अंग्रेजी में भले ही "कैलकटा' हो लेकिन बंगाल और बांग्ला में इसे हमेशा से कोलकाता या कोलिकाता के नाम से ही जाना जाता रहा है जबकि हिन्दी भाषी समुदाय में ये कलकत्ता के नाम से जाना जाता रहा है।
सम्राट अकबर के चुंगी दस्तावेजों और पंद्रहवी सदी के बांग्ला कवि विप्रदास की कविताओं में इस नाम का बार बार उल्लेख मिलता है। लेकिन फिर भी नाम की उत्पत्ति के बारे में कई तरह की कहानियाँ मशहूर हैं। सबसे लोकप्रिय कहानी के अनुसार हिंदुओं की देवी काली के नाम से इस शहर के नाम की उत्पत्ति हुई है। इस शहर के अस्तित्व का उल्लेख व्यापारिक बंदरगाह के रूप में चीन के प्राचीन यात्रियों के यात्रा वृतांत और फारसी व्यापारियों के दस्तावेजों में भी उल्लेख है। महाभारत में भी बंगाल के कुछ राजाओं का नाम है जो कौरव सेना की तरफ से युद्ध में शामिल हुये थे।
नाम की कहानी और विवाद चाहे जो भी हों इतना तो अवश्य तय है कि यह आधुनिक भारत के शहर में सबसे पहले बसने वाले शहरों में से एक है।
नाम की कहानी और विवाद चाहे जो भी हों इतना तो अवश्य तय है कि यह आधुनिक भारत के शहर में सबसे पहले बसने वाले शहरों में से एक है।
यह वही भूमि है -
जहां विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की गीतांजलि गूंजी थी, राजाराममोहन राय, विद्यासागर, रामकृष्ण परमहंस तथा विवेकानन्द का व्यापक चिन्तन सरोकार प्रस्फुटित हुआ था। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने स्वतन्त्रता का सशक्त शंखनाथ किया, वहीं सत्यजीत राय ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के माध्यम से सिनेमा जगत में क्रान्ति ला दी। सादगी और मानवीयता को कर्म-कर्तव्य को ढाल बनाकर देवत्व को प्राप्त करने वाली महान महिला ‘मदर टेरेसा’ की सेवास्थली के रूप में जहां आपका नगर विश्व-विख्यात है, वहीं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारत के मात्र दो विभूतियों रवीन्द्रनाथ टैगोर और अमत्र्य सेन को जन्म देकर यह पवित्र मिट्टी विश्वपटल पर गौरवान्वित हुई है।
सचमुच कोलकाता भारत की शान है ,
और - इसे देखकर होठों से फूट पड़ते हैं ये शब्द -
कि मेरा भारत महान है ......!
11 comments:
कोलकाता पर अच्छी जानकारी दी है आपने , इसे लगातार जारी रखें !
अच्छी जानकारी ,बधाईयाँ !
संस्कृति से भरपूर शहर कोलकाता की सुंदर जानकारी ..........
अच्छा लगा इसके बारे में और जान कर
सहमत हूं मै आपके इस लेखनी से । हमारा देश महान है इसका तो दुनिया में कोई सानी नही है । हमारे देश में कलकत्ता की अलग एक पहचान रही है जो अभी तक कायम रखे हुए है जानकारी देने के लिए धन्यवाद
महान भारत को नमन....
कलकत्ता!!!! अभी अभी देखा चंद दिनों पहले. अच्छी जानकारी.
aapka blog bahot sudar hai ..mera bharat mahan
Sahi kaha aapne.
Think Scientific Act Scientific
अति उत्तम आलेख
हार्दिक शुभ कामनाएं
nice
बहुत अच्छा लेख
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